तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप मैं समय के सिंधु तट पर आ खड़ा हूँ, पढ़ रहा हूँ रेत पर, मिटते मिटाते लेख, जो बाँचे समय ने। वो भगीरथ की तपस्या, और वो अद्भुत कमंडल। वेग था जिसमें समाया साथ लेकर स्वर्ग का जल।। और फिर शिव शीश पर उतरी महा गंगा निनादी । तर गये पुरखे, धरा पर धार अमृत की बहा दी।। राम ने ले जन्म, लक्ष्मण साथ दानव दैत्य तारे। भूमिजा को वारि, पापी नाश, रावण कुल संहारे।। राम का था राज्य अद्भुत, थे…
Read MoreMonth: May 2020
उर्दू शायरी में ‘बचपन’ और ‘बच्चे’
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप शायद ही दुनिया का ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे बचपन न भाता हो। हर व्यक्ति बड़ी हसरत से अपने बचपन को याद करता है। बचपन ज़िंदगी का वह खूबसूरत हिस्सा है जहाँ हर व्यक्ति खूबसूरत सपने देखता हेै और उसे विश्वास होता हेै कि यह सारी दुनिया उसकी मुट्ठी में है। बचपन जितना हसीन होता हेै, उतना ही ताज़ा भी। बच्चे हर व्यक्ति की कमज़ोरी हैं। सिर्फ़ अपने ही नहीं, बच्चे सभी के प्यारे लगते हैं। यहाँ तक कि सिर्फ़ इंसान के ही…
Read Moreसुनों बसंती हील उतारो,अपने मन की कील उतारो
आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. सुनों बसंती हील उतारो अपने मन की कील उतारो नंगे पैर चलो धरती पर बंजर पथ पर झील उतारो जिनको तुम नाटी लगती हो उनकी आँखें रोगग्रस्त हैं उन्हें ज़रूरत है इलाज की ख़ुद अपने से लोग ग्रस्त हैं सच कहती हूँ सुनो साँवली तुमसे ही तो रंग मिले सब जब ऊँचे स्वर में हँसती हो मानो सूखे फूल खिले सब बिखरे बाल बनाती हो जब पिन को आड़ा तिरछा करके आस पास की सब चीज़ों को रख देती हो अच्छा करके मुझे…
Read Moreसमय का गीत: 2
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप मैं समय के सिंधु तट पर आ खड़ा हूँ, पढ़ रहा हूँ रेत पर, मिटते मिटाते लेख, जो बाँचे समय ने। 2 हैं हवा में कुछ पुराने पृष्ठ पीले फड़फड़ाते। फट चले कुछ पृष्ठ,रह-रह,थरथराते-कंपकंपाते।। ग्रीस के विस्तार की वे सिर उठाती सभ्यतायें। और बेबीलोन की अद्भुत निराली सर्जनायें।। नील की जलधार पर हँसते विचरते रंग यौवन। और तट पर साँस लेता मुक्त वैभवयुक्त जीवन।। मिस्र की वह सभ्यता, रंगीनियों की वह कहानी। रह गयी इतिहास में ही शेष फ़ारस की निशानी।। सिंधु घाटी…
Read Moreमहाराणा प्रताप : एक अजेय योद्धा
सुरेश ठाकुर (महाराणा प्रताप की जयंती पर विशेष) —————————————– बरेली: महाराणा की उपाधि और ‘क्षत्रिय शिरोमणि’ के सम्मान से अलंकृत प्रताप सिंह जिन्हें हम सब महाराणा प्रताप के नाम से जानते हैं, मेवाड़ के शासक उदय सिंह के ज्येष्ठ पुत्र थे |यद्यपि महाराणा प्रताप के जन्म के वर्ष और तिथि को लेकर इतिहासकार एकमत नहीं हैं किंतु उनसे जुड़ी घटनाओं के तार्किक विश्लेषण के उपरांत 9 मई 1549 को महाराणा प्रताप के जन्म की तिथि और वर्ष के रुप में सर्वाधिक समर्थन मिला | राणा सांगा की मृत्यु के उपरांत…
Read Moreदीपिका चिखलिया ने शेयर की सरोजिनी का पोस्टर
दीपिका चिखलिया ने फ़िल्म सरोजनी के पहले लुक की पोस्टर शेयर की हैं इस फ़िल्म का लेखन इलाहाबाद के लेखक धीरज मिश्र ने अपनी पत्नी यशोमति देवी के साथ कि हैं। रामायण की सीता यानी दीपिका चिखलिया ने हिंदी फिल्म सरोजनी का पोस्टर शेयर किया हैं बतौर दीपिका यह फ़िल्म सरोजनी नायडू के जीवन पर आधारित हैं लॉक डाउन में इसकी पटकथा का काम जोरो पर है। वो इस रोल को लेकर बेहद उत्साहित हैं इस फ़िल्म की पटकथा धीरज मिश्र ने लिखी है। इसके निर्देशक युवा निर्देशक आकाश नायक…
Read Moreकला-संस्कृति व साहित्य के आजीवन उपासक रहे गुरूदेव रबींद्रनाथ टैगोर
राणा अवधूत कुमार, ब्यूरो चीफ-ICN बिहार (रवींद्रनाथ की जयंती पर विशेष) पटना। रवींद्रनाथ टैगोर एक ऐसा व्यक्तित्व हैं, जिन्हें शब्दों में बयां करना बहुत कठिन है। टैगोर के बारे में कुछ लिखने या बताने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। ऐसे अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। जिनके संपूर्ण जीवन से एक प्रेरणा या सीख मिलती है। वे एक ऐसे विरल साहित्यकारों में हैं, जो आसानी से नहीं मिलते। कई युगों के बाद धरती पर जन्म लेते हैं। धरती को धन्य कर जाते हैं। वे ऐसी छवि हैं जो जन्म से लेकर…
Read Moreकिशोरों की जिंदगी का सबसे खतरनाक ज़हर: “अवसाद”
डॉ. संजय श्रीवास्तव आज कल प्रायः अखबारों में ,टेलीवीजन में ,सोशल साइट्स पर या अन्य खबरों में आये दिन किसी न किसी व्यक्ति के आत्महत्या द्वारा म्रत्यु की खबरे हमारे संज्ञान में आती रहती है | इन खबरों में मरने वालो में ज्यादातर खबरे नई उम्र के नवयुवको एवं नवयुवतियो की होती है | बड़ा अजीब सा लगता है यह देख कर कि जिस उम्र में अभी तक इन बच्चो ने ,इन किशोरों ने इस जिंदगी के सफ़र को अच्छे से देखा नहीं है , समझा नहीं है और अभी उनके उपर किसी ज़िम्मेदारी का बोझ नहीं है…
Read Moreचोट के कारण को पहचाने नयी चोट को पुरानी न होने दे
डॉ. नौशीन अली, ब्यूरो चीफ-ICN मध्य प्रदेश ‘गिरना संभलना फिर उठकर खड़े हो जाना कभी हिम्मत न हारना’’ भोपाल।आज कल की इस भाग–दौड़ भरी लाइफ में इंसान इतना व्यस्त हो गया है, कि उसे अपनी सेहत की परवाह किये बिना ही बस दौड़े जा रहा है। इस भाग–दौड़ में उसको चोट भी लग जाती है या खेलते वक़्त जिसे हम स्पोर्ट्स इंजरी कहते है पर वो उसको नजरअंदाज़ कर देता है। हमें ऐसी चोटों को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए। कई बार ऐसी चोटे बड़ा रूप ले लेती है।चोट या इंजरी सिर्फ जवान को नहीं बच्चे बूड़ो को भी लग जाती है सबके अपने…
Read Moreसमय का गीत: 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप मैं समय के सिंधु तट पर आ खड़ा हूँ, पढ़ रहा हूँ रेत पर, मिटते मिटाते लेख, जो बाँचे समय ने। 1 शून्य से उपजा समय या फिर समय से शून्य आया। यह जगत, ब्रह्माण्ड सारा सत्य है या सिर्फ़ माया।। हम सहज ही हैं मनुज या सिर्फ़ हम परछाइयाँ हैं। मात्र मिथ्या स्वप्न हैं हम या अटल सच्चाइयाँ हैं।। हम अधर के चक्र में हैं या अधर हम में कहीं है। हम यहाँ पर है, वहाँ पर हैं, यहीं हैं या वहीं…
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