घर पर रहें – घर पर सुनें “हर रोज़ नए गाने” गीत – कितनी लंबी रात है … गायिका – पृथा मजूमदार (मुंबई) म्यूज़िक अरेजमेंट & वीडियो – राजेश रॉय संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही संगीत जगत में पृथा मजूमदार का नाम जाना पहचाना है। वह एक प्रशिक्षित और बहुमुखी पार्श्व गायिका हैं। उन्होंने फ़िल्म और T.V. धारावाहिकों में 300 से अधिक गाने गाए हैं। वास्तव, वीर ज़ारा, मोहब्बतें, दिल विल प्यार व्यार आदि फ़िल्मों के ज़रिए बॉलीवुड में उन्होंने अपनी ख़ास पहचान बनाई है। उन्होंने…
Read MoreMonth: May 2020
बार-बार उठने वाले इन दर्द को पहचाने
डॉ .नौशीन अली, ब्यूरो चीफ–आई सी एन मध्य प्रदेश भोपाल: आज कल इंसान की व्यस्तता और तनाव के कारण हर एक किसी न किसी प्रकार का दर्द होता है, कही सिर, कही कमर, या कही और दर्द होना एक अच्छी बात है, अगर आपको दर्द नहीं होगा, तो आपको बीमारी के बारे में पता नहीं चलेगा, सिर दर्द होना आज कल आम बात है, शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने कभी सिर दर्द का अनुभव न किया हो, सिर दर्द सिर दर्द होना एक आम बात हो गयी है, और ज़्यादातर…
Read Moreउच्च रक्तचाप और योग
नितिन कुमार ’हिन्दुस्तानी’ 21 वीं सदी के वर्तमान परिवेष में मानव जाति में उच्च रक्तचाप एक गंम्भीर व अधितर जनमानस की समस्या बनती जा रही है। जिसके कारण मानव को हार्ट फेल्योर कोरीनरी हार्ट डिजीज एवं किडनी फेल्योर आदि अन्य भयानक समस्याये उत्पन्न हो रही है। अनियंत्रित जीवन शैली के कारण आज ज्यादातर लोग उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रसित है। उच्च रक्तचाप अग्र कारणो से व्यक्ति में होती है। छोटी-छोटी बातों पे तनाव लेना। आवष्यकता से अधिक मोटा होना। बढ़ती उम्र के कारण। नमक का अत्यधिक…
Read Moreतुम बंदों पर कृपा करो, ईश्वर तुम पर कृपा करेगा।
मोहम्मद सलीम खान, सीनियर सब एडिटर-आईसीएन ग्रुप सहसवान/बदायूं: यूं तो देश और दुनिया में अनगिनत लोगों को ईश्वर ने दौलत से शोहरत से नवाजा है इस संसार में बेशुमार ऐसे लोग हैं जिनके पास बेशुमार दौलत का खजाना है मगर उन बेशुमार लोगों में ऐसे खुशकिस्मत बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें ईश्वर दौलत के साथ-साथ अपनी रहमत की दौलत से भी नवाजता है। अक्सर यह बात कही जाती है फला शख्स बहुत दौलतमंद है ईश्वर कि उस पर बहुत कृपा है मगर यह जरूरी नहीं की हर दौलतमंद शख्स…
Read Moreमाँ की सूचना।
By: C.P. Singh, Literary Editor-ICN Group मेरे- आंसू, दूर देश में, जब गिरे धरती- माँ पर । बिन- चिट्ठी, दुःख- सूचित-माँ का, घर में भीगा- आँचल । माँ, मेरी-जननी- बनि, दुख- सहती- जीवन- भर । संतति को खुशियाँ मिलें, जप- करती- जीवन- भर । निज- उसका, कुछ भी नहीं,सब- निर्भर- जातक- पर । बच्चे का –मन- मुदित देखकर, खुश रहती ममता भर । मेरे- आंसू, दूर देश में, जब गिरे धरती- माँ पर । धरती- माँ, धरती हमें, निज- अंकन- जीवन- भर । हम कुछ भी उस पर करें, सब…
Read Moreसमय का गीत: 4
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप मैं समय के सिंधु तट पर आ खड़ा हूँ, पढ़ रहा हूँ रेत पर, मिटते मिटाते लेख, जो बाँचे समय ने। क्रूर यवनों ने किये थे आक्रमण भारत धरा पर। जीतने को विश्व था यूनान से निकला सिकंदर ।। वीर पोरस को हरा कर मान निज उसने बढ़ाया। पर मगध में मौर्य वंशी वीर ने उसको हराया।। शाक्य, हूणों ने अनेकों देश पर हमले किये थे। वंशजों ने जाम शासन के यहाँ सदियों पिये थे।। जान कब बख्शी अरब, मंगोल, फिर…
Read Moreगीत–अकेले हैं यादों की महफ़िल सजाएँ….
“घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने गीत – अकेले हैं यादों की महफ़िल सजाएँ … पार्श्वगायिका – शारदा (मुंबई) संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही सुप्रसिद्ध पार्श्वगायिका शारदा (राजन आयंगर) उन गायिकाओं में से हैं, जिन्होंने हिंदी फ़िल्म जगत में अपना एक अलग मुक़ाम बनाया है। शारदा का परिवार तमिल है, लेकिन उन्हें बचपन से हिन्दी गीत गाने का शौक था। तेहरान में एक पार्टी में फ़िल्मकार राज कपूर ने शारदा को गाते हुए सुना और मुंबई आने का न्योता दिया। मुम्बई आने…
Read Moreतेरे ही आंचल में निकला बचपन, तुझसे ही तो जुड़ी हर धड़कन
जननी-दिवस ( मदर्स-डे )
By: C.P. Singh, Literary Editor-ICN Group मेरा भी बहुत मन करता है कि मै अपनी माँ की फोटो सबको दिखाऊँ | जगह – जगह प्रकाशित करवाऊँ | परन्तु मैं ऐसा नहीं कर पाता क्योंकि मेरी माँ तो मेरा बचपन सुधार कर चली गयी और मेरे पास एक भी फोटो नहीं है मेरी माँ की | मेरे मन में , मेरे ह्रदय में , मेरी सोंच में और मेरी आँखों में मेरी माँ की वह सारी छवियाँ हैं , जो मैंने देखीं , उतनी उमर में | फिर भी उनमें से…
Read Moreडीयर महतारी….
आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. गोरखपुर: असही डांट के सुबेरे जगाती रहो ,दिन बन जाता है मेरा। असल में महतारी शब्द जादुई शब्द है ये प्लेसेंटल रिलेशन बाकमाल है ,बिना कहे बूझने वाली जादूगर कहो या फिर बड़ा से बड़ा झूठ ट्रेस करने वाली डिटेक्टर। हम तो भैया हरदम असही लड़ते भिड़ते मनाते मनवाते रिसियाते कोहाते मोहाते मनुआते देखना चाहते हैं। कब्बो कब्बो हम गजबे कुंभकर्ण अवस्था में जाते हैं और इस अप्रतिम दृश्य को बस महतारिये झेल सकती हैं ,बाकि कौनो तकिया पर भउरा रख देगा। अनकंडीशनल…
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