गीत–ये रात भी मेरी तरह अकेली है….

“घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने गीत –  ये रात भी मेरी तरह अकेली है…. गायिका –  शिल्पी माथुर (लखनऊ) म्युज़िक अरेंजर – दीपक माथुर संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही संगीत परिवार में जन्मी जयपुर की शिल्पी माथुर का संगीत के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम है। इन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपनी मां श्रीमती प्रीति माथुर से पाई। शिल्पी आकाशवाणी की ‘ए’ ग्रेड कलाकार हैं। इन्हें वर्ष 1986 में सुर संगम द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संगीत प्रतियोगिता में ‘सुर श्री’…

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ग़ज़ल–दिल को बहलाने की आदत हो गई है ….

“घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने ग़ज़ल –  दिल को बहलाने की आदत हो गई है   …. गायक –  डॉ हरि ओम (लखनऊ) संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही   डॉ हरि ओम का नाम सभी के लिए जाना पहचाना है। IAS अधिकारी का गुरुतर दायित्व निभाते हुए भी उन्होंने अपने दिल की आवाज़ को कभी अनसुना नहीं किया तथा लेखन और गायन को बदस्तूर जारी रखा। वह जितने जनप्रिय अधिकारी हैं, उतने ही लोकप्रिय शायर और गायक भी हैं। अपनी शायरी को…

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थैलेसीमिया दिवस पर विशेष: हीमोग्लोबिन निर्माण की प्रक्रिया के सही काम ना करने से होती है थैलीसीमिया की बीमारी

डॉ अनुरूद्ध वर्मा एम डी(होम्यो ) वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक, सीनियर एसोसिएट एडीटर-ICN ग्रुप  हर वर्ष 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है इसका दिवस का उद्देश्य थैलेसिमिया की बीमारी के संबंध में जनता में जागरूकता  उत्पन कर इसको रोकना  है ,इस रोग के साथ जीने के तरीके बताना, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना ,थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों को शादी से पहले चिकित्सक से परामर्श की सलाह देना । थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से मिलने वाला अनुवांशिक  रक्त-रोग है । इस रोग के होने…

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गीताख्यान 1

आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. अपनी आँखें अपना चश्मा अपने ऐंगल से देखा है जीवन के इस चक्रव्यूह को गीतों ने हद तक भेदा है। गीतों के मंदिर देखे हैं गीतों की मधुशाला देखी गीत अश्रु से खारे भी हैं मदमाती सुरबाला देखी नरगिस बेला जूही चंपा गीत गंध से ताल मिलाती कोयल भी देखी है हमने इक बिरहन को गीत सुनाती एक व्याहता को पाया है विरह भाव में चैता गाते एक मजूरन को देखा है प्रियतम के संग धान कटाते जातां चक्की के जब दिन थे…

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कोरोना,लॉकडाउन एवँ मानसिक स्वास्थ्य

डॉ अनुरूद्ध वर्मा एम डी(होम्यो ) वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक, सीनियर एसोसिएट एडीटर-ICN ग्रुप लॉक डाउन के दौरान यदि आपका मानसिक स्वास्थ्य अस्वास्थ्यकर है तो इससे निपटने के लिये सकारात्मक साचें, शारीरिक गतिविधियाँ जैसे व्यायाम, योग, प्राणायाम ,शारीरिक श्रम नियमित रुप से करते रहें। कोरोना,कोरोना और कोरोना आज कल हर तरफ केवल कोरोना की ही चर्चा है । चीन के वुहान शहर से चला कोरोना वायरस जिसे कोविड 19 के नाम से जाना जाता है. जिसनेआज पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और इस आंख से ना दिखाई पड़ने…

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*एक गीत*(बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध के प्रति संपूर्ण श्रृद्धा किंतु क्षमा के साथ)

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हे तथागत! शीश झुकता है तुम्हारे ज्ञान के प्रति, किंतु है संदेह मन में, क्या सही था, ज्ञान हित में, भार्या व पुत्र का परित्याग आखिर?                 (1) कुछ नियम संसार के हैं और उनसे ही बंधी है सृष्टि, ये संसार सारा। रात छिप कर त्यागना सब, आचरण कैसे कहूँ था श्रेष्ठ, हे गौतम तुम्हारा ।। प्रीत-परिणय में बंधे तुम, किंतु पावन अग्नि की साक्षी शपथ हर तोड़ आये। था तुम्हारे ही बदन से, पुत्र जो…

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गर्भवती स्त्री …..

आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. गोरखपुर: गर्भवती स्त्री ….. यह शब्द सुनकर गांव सीवान याद आ जाता है। जेठ की दुपहरी हो या पूस की रात ,गांव की महिलाओं को अगर तनिक भी सूचना मिलती थी की कोई गर्भवती स्त्री गांव के डीह को पार कर रही थी तो ‘नून पानी ‘की व्यवस्था भर को वह तत्क्षण सामर्थ्यवती हो जाती थीं। कल का ट्रेनिंग सेशन बाराबंकी की कुछ स्वयंसेवी जनों के साथ बीता ,जिसमें श्रीमती अंचुल (बदला नाम) बता रही थीं कि इन दिनो बेटे (10 बरस)की आनलाइन…

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सुहेल काकोरवी की ग़ज़ल (ज़मीने बद्र पर)

जभी मुमकिन है हम दोनों का रोशन नाम हो जाए मोहब्बत में बराबर से जो वो बदनाम हो जाए only then is possible the glory of our name in love If she equally shares the infamy the censure creates तुम्हारा लुत्फ़ हम कब चाहते हैं आम हो जाए मगर इतना तो हो थोड़ा हमारा काम हो जाए I do not want that become public thy grace But at least I expect some out of that हकीकत यार के जज़्बों के खुल जाना यक़ीनी है कि जिस लम्हा पसन्दीदाह हमें दुश्नाम…

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संगीत के साधना पुरुष-केवल कुमार

सुरेश ठाकुर 4 जनवरी 1941 को लखनऊ में उदयगंज स्थित जयहिन्द चबूतरा बाल रुदन के रुप में एक ऐसी सुरीली किलकारी से गुंजायमान हो उठा था जो परिमार्जन के शिखर को स्पर्श करती हुई, संगीत का अनुपम पर्याय बन कर आज तक हमारे मन और आत्मा दोनों को विभोर कर रही है | ‘ नाद-ब्रह्म’ की असीम अनुकम्पा से श्रीमती रामप्यारी और श्री परमेश्वरी दयाल श्रीवास्तव के घर संगीत की जिस विलक्षण प्रतिभा ने जन्म लिया उस व्यक्तित्व को आज पूरा विश्व ‘केवल कुमार’ के रुप में पहचानता है |केवल…

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आम की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक

डॉ.रिपुदमन सिंह, एसोसिएट एडिटर-ICN हमारे देश में उगाए जाने वाले फलों में आम सबसे लोकप्रिय फल हैं। इसका फल विटामिन ‘ए’ तथा ‘सी’ का सर्वश्रेष्ठ स्त्रोत है। ताजा फल के उपयोग के अलावा इसका उपयोग अचार, अमचूर, चटनी, स्क्वेयर तथा मुरब्बा आदि उत्पाद बनाने में भी उपयोग किया जाता है। जलवायु एवं भूमि – आम के उचित बढ़वार एवं फलन के लिए जीवांशयुक्त गहरी बलुई दोमट मिट्टी जिसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो उपयुक्त रहती है। ऐसी भूमि जिसके 2 मीटर गहराई तक अवरोध ना हो आम उत्पादन के लिए अच्छी रहती है। भूमि का पीएच मान 6.5 से 7.5 होना आम उत्पादन के लिए उत्तम रहता है। चुनायुक्त कंकरीली पथरीली व ऊसर भूमि इसकी खेती (Mango farming) के लिए उपयुक्त नहीं है। आम की उन्नत किस्में- केसर– फल मध्य आकार के सुगंध युक्त, गुद्दा रेशे रहित, रंग केसरिया लिए हुए होता है। पूर्ण विकसित वृक्ष से औसतन 100 किग्रा फल वृक्ष प्राप्त हो जाते हैं इसके फल भी जुलाई में पकते हैं। दशहरी– फल आकार…

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