आईपीएल में राजनीतिक विज्ञापन पर फैसला सोमवार को

नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को मुख्य प्रसारणकर्ता स्टार इंडिया से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है जिसमें वह 23 मई से शुरू होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12 वें संस्करण में राजनीतिक विज्ञापनों को दिखाना चाहता है। लेकिन बीसीसीआई और स्टार के बीच हुए मीडिया अधिकार समझौता (एमआरए) में साफ तौर पर कहा गया है कि इसमें राजनीतिक या धार्मिक विज्ञापनों के लिए कोई जगह नहीं है।
ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) इस मामले पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक बैठक करेगी। करीबी सूत्रों ने बताया कि आईपीएल के दौरान राजनीतिक विज्ञापन दिखाने की अनुमति मिलना न के बराबर है, फिर भी इस मामले पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा, सीओए की तीन सदस्यीय समिति सोमवार को बैठक करेगी। बैठक में यह भी देखा जाएगा कि वास्तव में स्टार क्या चाह रहा है। लेकिन, इस संबंध में बीसीसीआई के पहले के रुख को पलटना ना के बराबर है। पिछली बार भी जब प्रसारणकर्ताओं द्वारा आईपीएल के दौरान राजनीतिक विज्ञापन दिखाने के लिए बोर्ड से संपर्क किया गया था, तो बीसीसीआई ने स्पष्ट कर दिया था कि खेल और राजनीति को दूर ही रखा जाना चाहिए। बीसीसीआई और एमआरए के बीच पांच वर्षो 2018 से 2022 तक के लिए हुए समझौतों के अनुसार, प्रसारण के दौरान किसी भी राजनीतिक और धार्मिक विज्ञापनों की अनुमति नहीं है।
स्टार इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हां, एमआरए कहता है कि मैचों के दौरान कोई राजनीतिक या धार्मिक विज्ञापन नहीं दिखा सकते, इसके बावजूद अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा, हम एक प्रसारणकर्ता हैं और इस देश में किसी भी विज्ञापनदाता को हमारे पास पहुंचने का और प्रायोजक खरीदने का अधिकार हैं। हम उन्हें मना नहीं कर सकते। इसलिए यदि कोई राजनीतिक दल हमसे संपर्क करता है तो हम अनुमति लेने के लिए बाध्य हैं।

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