लोन सस्ता करने के लिए बैंकों पर भारतीय रिजर्व बैंक डालेगा दबाव

नई दिल्ली। रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कटौती के बाद लोन सस्ता होने का इंतजार कर रहे लोगों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है। सरकारी और प्राइवेट बैंक होम लोन समेत अन्य लोन सस्ते कर सकते हैं। रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कटौती के बाद एसबीआई के अलावा किसी बैंक ने अभी तक ब्याज दरों में कटौती नहीं की है। इस वजह से सरकार और आरबीआई बैंकों से नाराज हैं। अब आरबीआई लोन सस्ता करने के लिए 21 फरवरी को सरकारी और प्राइवेट बैंकों के साथ होने वाली मीटिंग में इस पर चर्चा करेगा। माना जा रहा है कि इसके बाद लोन सस्ते किए जा सकते हैं।आरबीआई की सेंट्रल बोर्ड मीटिंग के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक ने कर्ज सस्ता किया है, जिसका फायदा आम आदमी को मिलना चाहिए। इस पर वे गुरुवार को बैंकों से बात करेंगे। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अपना काम कर दिया है और अब बैंकों को अपना दायित्व निभाना चाहिए।वित्त मंत्रालय के अफसरों ने भी कहा कि इस बारे में बैंकों से बात हुई है। वे रेपो रेट में 0.25 पर्सेंट कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को भले न दें, लेकिन अपनी बैलेंस शीट को देखते हुए उन्हें कर्ज जरूर सस्ता करना चाहिए। एसबीआई ने रेपो रेट में कटौती के बाद 30 लाख रुपये तक के होमलोन पर ब्याज दर में सिर्फ 0.05 फीसदी की कटौती की थी। एमएसएमई रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम के बारे में दास ने कहा कि आरबीआई ने हाल ही में 25 करोड़ तक के बकाया कर्ज वाली यूनिट के लिए पैकेज का ऐलान किया था। उन्होंने बताया, ‘ऐसे सारे मामले रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत लाए जाएंगे। इसलिए अब बैंकों को योग्य एमएसएमई को लोन रिस्ट्रक्चरिंग का फायदा देना चाहिए।कुछ प्राइवेट सेक्टर के बैंकों पर रेगुलेटरी एक्शन के बारे में पूछने पर गवर्नर ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक में प्रमोटर होल्डिंग घटाने का मामला अदालत में है। उन्होंने कहा कि इसलिए इस मामले में उनका कुछ भी कहना मुनासिब नहीं होगा। यस बैंक के बारे में उन्होंने कहा कि यह मामला आरबीआई और बैंक के बीच है।

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