नई दिल्ली। सड़कों पर बच्चों की सुरक्षा देश के लिए अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. सेव लाइफ फाउंडेशन के हालिया सर्वे में सामने आया है कि 2017 में यात्रा के दौरान करीब 9400 बच्चों की मौत हुई. इस सर्वे में शामिल होने वाले 91.4 प्रतिशत लोगों ने माना कि चाइल्ड रोड सेफ्टी लॉ को और अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है.रिपोर्ट के मुताबिक, एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हादसों में बच्चों की मौत का बड़ा कारण कार के पीछे की सीट पर सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना है. सीट बेल्ट को लेकर कानून तो हैं लेकिन उनका सही तरीके से पालन नहीं किया जाता है. साल 2017 में सड़क हादसों में हुई मौतों में 26,896 लोगों की मौत सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करने की वजह से हुई थी.सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करने की वजह से मारे गए लोगों की संख्या में 2016 की तुलना में 2017 में 5638 का इजाफा हुआ.सर्वे में शामिल हुए 26 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि उनके माता-पिता उन्हें सीट बेल्ट लगाने के लिए कहते हैं, जबकि 28 प्रतिशत ने कहा कि उनके माता-पिता ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं.दिल्ली, मुंबई, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ और बेंगलुरु जैसे शहरों के सर्वे में करीब 98.2 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे रियर सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करते हैं. लखनऊ, जयपुर और कोलकाता में एक भी व्यक्ति ने रियर सीट बेल्ट का इस्तेमाल करने की बात नहीं कही. रियर सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करने के पीछे जागरुकता की कमी सबसे बड़ी वजह है. लोगों को लगता है कि हादसे की स्थिति में फ्रंट सीट पर बैठने वालों को अधिक रिस्क होता है.
एक साल में सड़क हादसों में हुई 9400 बच्चों की मौत: सर्वे
