कुछ पाया भी क़ुछ खोया भी

डॉ अमेय त्रिपाठी, एसोसिएट एडिटर-ICN 
कुछ पाया भी क़ुछ खोया भी
कुछ भाग्य जगा कुछ सोया भी,
क़ुछ स्वप्न जगे क़ुछ टूटे भी,
क़ुछ भरम बने क़ुछ छूटे भी .
क़ुछ कलित कामनाएं भी रिक्त हुयी 
क़ुछ चरित विधाएँ भी सिद्ध हुईं
दो चार कदम सब और चले
दो चार हाँथ फिर और बढे.
क़ुछ संभल जड़ से टूट गए
क़ुछ लोग स्वार्थवश छूट गए
क़ुछ और बढे प्रकृति की ओर
सतर्क हो थामा जीवन की डोर
क़ुछ मार्ग पुराने अवरुद्ध हुए
क़ुछ लोग बेवजह क्रुद्ध हुए
क़ुछ गडित हमारी सफल हुयी
कही बुरी तरह विफल हुयी
जैसा भी रहा अपना ये वर्ष
बीत गया दे सबको हर्ष
चिरकृतज्ञ हु इस कृपालुता का
सबसे मिले प्रेम , दयालुता का
नूतन वर्ष ,मे नूतन स्वर मे
शीश झुका ,बाँध कर कर मे
यही प्रार्थना है की विशवास मे,
मेरा विश्वास अटल हो,
वही मित्र हो ,वही भाग्य हो ,वही छाव हो,
वही अनंत सम्भल हो.
————- © डॉ अमेय त्रिपाठी 
 
Dr Ameya Tripathi is celebrated & awarded dental surgeon, social worker, writer, dental implantologist working at Rama Dental Clinic & Implant center Mahanagar Lucknow and Gomti Nagar Lucknow as its director. His works can be visited at www.ramamdentalclinic.com

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