सजा से बचने के लिए गूंगा बनने का किया नाटक, फिर सच में चली गई आवाज

बीजिंग। एक व्यक्ति 12 साल तक गूंगा होने का नाटक करता रहा और जब उसने बोलने की कोशिश की तो उसकी जुबान ने उसका साथ नहीं दिया। चीन में हत्या करने वाले एक व्यक्ति के साथ सच में ऐसा ही हुआ है। गुनाह करने के बाद फरार हुए इस व्यक्ति ने अपना अतीत छिपाने के लिए यह दिखावा किया और एक दिन वह सच में ही गूंगा हो गया।
चीन के झेजियांग प्रांत में झेंग उपनाम वाले व्यक्ति ने 2005 में 76 डॉलर (करीब 4800 रुपये) के किराए को लेकर उपजे विवाद के बाद अपनी पत्नी के चाचा की हत्या कर दी थी। उस वक्त उसकी उम्र 33 साल थी। हत्या के बाद वह वहां से फरार हो गया और अपने गांव से करीब 725 किलोमीटर दूर अनहुई प्रांत में जाकर बस गया। लोगों को उसके बारे में पता ज्यादा पता न चले, इसके लिए उसने गूंगा होने का नाटक किया। वह यहां पर एक मजदूर के रूप में काम करने लगा और उसने शादी भी कर ली, जिससे उसे एक बच्चा भी हुआ। मगर उसने कभी भी यह राज उजागर नहीं होने दिया कि वह बोल सकता है।
इस तरह खुला राज : 
करीब 12 साल तक तो सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन हाल में पुलिस ने उसके गांव में एक सर्वे शुरू किया। इस सर्वे के दौरान उसके पास पहचान का कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं मिल सका, जिसके बाद पुलिस ने उसका डीएनए परीक्षण कराने का फैसला किया। डीएनए परीक्षण के दौरान पता चला कि यह वही व्यक्ति है, जिसकी तलाश हत्या के मामले में पुलिस को है।
कोशिश के बावजूद नहीं खुली जुबान :
पुलिस के मुताबिक झेंग ने अपनी सच्चाई खुलने के बाद बोलने की कोशिश की, लेकिन लंबे समय तक ‘वॉकल कॉर्ड’ (स्वर ग्रंथि) के उपयोग न होने से वह चाहकर भी बोल नहीं पाया। आखिरकार उसे लिखकर अपना गुनाह कबूल करना पड़ा। जब उससे गूंगे होने का नाटक करने के पीछे का कारण पूछा तो उसने लिखकर बताया, ‘मैं जितना कम बोलूंगा, उतनी ही मेरे गलती करने की गुंजाइश कम होगी।
क्या कहते हैं डॉक्टर : 
चिकित्सकों का मानना है कि अगर ‘वॉकल कॉर्ड’ का लंबे समय तक इस्तेमाल न किया जाए, तो आवाज जाने की संभावना काफी ज्यादा है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि इलाज के बाद झेंग की आवाज फिर से वापस आ सकती है। मगर इस बात की संभावना कम है क्योंकि चीन सरकार एक दोषी को यह सुविधा कम ही देगी।

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