न्यूयॉर्क। सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया द्वारा 29 नवंबर को किए गए अंतरमहाद्वीप बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण को लेकर उस पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। नए प्रतिबंधों के तहत पेट्रोलियम पदार्थो तक उत्तर कोरिया की पहुंच और विदेश में रहने वाले उसके नागरिकों से होने वाली कमाई को सीमित कर दिया गया है। अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषषद ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी। इसके तहत, उत्तर कोरिया के लिए लगभग 90 प्रतिशत रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध रहेगा। इसकी सालाना अधिकतम सीमा पांच लाख बैरल तय होगी। इसके चलते उत्तर कोरिया में पेट्रोलियम उत्पादों का संकट पैदा हो सकता है। इसके अलावा उत्तर कोरिया के लिए कच्चे तेल के निर्यात को कम कर एक साल में 40 लाख बैरल पर लाने का भी प्रस्ताव है। प्रस्ताव में 24 महीनों के भीतर विदेश में काम कर रहे उत्तर कोरियाई नागरिकों को स्वदेश भेजना शामिल है। साथ ही उत्तर कोरिया के लिए खाद्य उत्पादों, मशीनरी, लक़ड़ी, जहाजों और बिजली के उपकरण के निर्यात पर रोक लगेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फैसले की सराहना करते कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अलग-थलग पड़े शासन के साथ शांति पर जोर दे रहा है। यूएन में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि यह प्रतिबंध उत्तर कोरिया को स्पष्ट संदेश है। अगर उसने फिर उल्लंघन किया तो उसे और सजा का सामना करना पड़ेगा। यूएन में ब्रिटेन के राजदूत मैथ्यू रिक्रॉफ्ट ने कहा कि उत्तर कोरिया अधिकांश पेट्रोलियम पदार्थो का इस्तेमाल अपने अवैध परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए करता है। पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति रोकने से वह अब इस तरह के हथियार नहीं बना पाएगा।
सुरक्षा परिषद ने उतर कोरिया पर लगाए नए प्रतिबंध
