हंगामे के बाद 27 दिसंबर तक राज्यसभा स्थगित

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर टिप्पणी को लेकर पीएम मोदी से माफी की मांग कर रहे कांग्रेस नेताओं ने राज्यसभा में शुक्रवार को भारी हंगामा किया। शोर शराब के चलते उच्च सदन को 27 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। उधर, लोकसभा में पीएम की माफी को लेकर जोरदार हंगामा चल रहा है। बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी शुक्रवार को एक प्रस्ताव लोकसभा में लाना चाहते हैं जिसे संसद में सरकार की कांग्रेस को घेरने की कोशिशों का हिस्सा माना जा रहा है। इस प्रस्ताव के तहत बीजेपी एक बार फिर से साल 1984 में हुए सिख दंगों का मुद्दा संसद में उठा सकती है। आपको बता दें कि एक हफ्ते पहले शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में गतिरोध जारी है। कांग्रेस लगातार इस बात की मांग लोकसभा और राज्यसभा में कर रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर की गई एक टिप्पणी के लिए माफी मांगे। कांग्रेस की इस मांग के चलते राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में गतिरोध बराबर बना हुआ है।
क्या है स्वामी का प्रस्ताव
स्वामी के इस प्रस्ताव पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की ओर से अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में 1984 में हुए दंगों के दौरान सेना की तैनाती के फैसले पर माफी की मांग की गई है। इसके साथ ही स्वामी यह भी चाहते हैं कि दंगों में जो भी दोषी थे उनके खिलाफ चल रहे मामलों में तेजी लाई जाए। स्वामी के प्रस्ताव में कहा गया है कि छह जून 1984 को स्वर्ण मंदिर में सेना को तैनात किया गया था इसकी वजह से कई लोगों की भावनाएं आहत हुई थीं। सरकार की ओर से लोकसभा में तीन बिलों को पेश किया गया है जो पास होने का इंतजार कर रहे हैं। ये बिल हैं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी बिल, स्टेट बैंक बिल और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट में बदलाव का बिल।
दोनों सदनों में कामकाज ठप
गुरुवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया कि ‘पाकिस्तान के साथ साजिश करने के आरोप पर कार्रवाई नहीं कर उन्होंने संविधान एवं पद की मर्यादा का उल्लंघन किया है। यह आरोप प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य पर कथित रूप से लगाया था। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को कम से कम अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। पार्टी ने कहा कि यदि ऐसा प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजेपयी के साथ हुआ होता तो उन्होंने 10 बार माफी मांगी होती। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और इस हंगामे की वजह से राज्यसभा पूरे दिन बाधित रही वहीं लोकसभा में भोजनावकाश के बाद पार्टी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

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