यूएन में कहा आतंकवादियों की कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं

न्यूयॉर्क। अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में हो रही चर्चा के दौरान एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादियों की कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। पाकिस्तान की ओर से यह इनकार ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने इस्लामाबाद को उसकी जमीन में मौजूद आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाहों को लेकर आगाह किया है।
अफगानिस्तान को बताया आतंकियों की पनाहगाह
अफगानिस्तान पर खुली चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा, ‘ऐसे कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं हैं। आतंकवादियों, दाएश और अन्य आतंकवादियों, की जो सुरक्षित पनाहगाह है भी, तो वह अफगान भूभाग की 40 प्रतिशत सीमा में स्थित है और यह इलाका अफगान सरकार के नियंत्रण से बाहर है। लोधी ने सुरक्षा परिषद को बताया कि सैन्य बलों का प्रयोग जारी रखने से वहां शांति नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि वर्षों के युद्ध के बाद यह साफ है कि काबुल या गठबंधन, और अफगान तालिबान, दोनों में से कोई एक-दूसरे पर सैन्य समाधान नहीं थोप सकते हैं।
नहीं निकल पा रहा है समाधान
पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा कि राजनीतिक समझौते को बढ़ावा देना और साथ ही सैन्य समाधान खोजना, दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। आप लोगों की हत्या और उनके साथ बातचीत दोनों साथ-साथ नहीं कर सकते हैं। फिर से सैन्य बल प्रयोग का रास्ता अपनाने से अतीत के मुकाबले कोई नया परिणम नहीं आयेगा। इसके रास्ते राजनीतिक समाधान तक पहुंचने की बात तो बहुत दूर की है, यह तो गतिरोध तक समाप्त नहीं कर सकता है। लोधी ने कहा कि दुनिया की सबसे मजबूत ताकतों द्वारा उग्रवाद के खिलाफ 16 साल तक चले युद्ध से भी कोई सैन्य समाधान नहीं निकल पाया है।

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