डोकलाम में दोनों देशों के सैनिकों के आमने-सामने आने से रिश्तों पर पड़ रहा है असर

बीजिंग :  चीन के विदेश मंत्री वांग यी के नई दिल्ली से वापस गए दो दिन भी नहीं बीते की चीन ने डोकलाम विवाद पर बयान जारी कर इसके लिए भारत को कसूरवार ठहराया है। चीन के विदेश मंत्रालय मंगलवार की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि डोकलाम में भारतीय सेना और चीनी सेना के जवानों के आमने-सामने आने से संबंध काफी  तनावपूर्ण हुए और पिछले साल से दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती देने के लिए किए जा रहे प्रयास संतोषजनक नहीं है।

चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब डोकलाम विवाद के बाद पहली बार नई दिल्ली आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने नई दिल्ली में अपनी समकक्षीय सुषमा स्वराज से मुलाकात की। डोकलाम विवाद के बीच चीन की तरफ से किसी सीनियर ऑफि सर का यह पहला दौरा था। इस साल जून में शुरू हुए डोकलाम विवाद करीब दो महीने तक चला था।

भारतीय अधिकारी लगातार इस बात पर जोर दे रहे थे कि उनके जवान डोकलाम क्षेत्र में इसलिए मौजूद हैं ताकि चीनी सेनाओं की तरफ से उस इलाके में किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य को रोका जा सके जबकि चीन भारतीय सेना की तरफ  से किए जानेवाले अतिक्रमण करार दिया था। चीनी विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा- साल 2017 में चीन और भारत ने रिश्तों को ठीक रखने को लेकर दोनों देशों ने प्रयास तो किए लेकिन वह प्रयास संतोषजनक नहीं रहे। विदेश मंत्रालय ने वांग यी के सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात का भी जिक्र किया।

वांग यी ने कहा- चीन के सीमा सुरक्षा बलों की तरफ से सीमा पर अतिक्रमण करने से द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण रहे। हालांकि, यह मसला कूटनीति के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया जो द्विपक्षीय संबंधों की मैच्योरिटी को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा- हालांकि, इससे सीख लेनी चाहिए और आगे इस दिशा में ऐसा फिर से नहीं होना चाहिए। वांग के इस बयान को चेतावनी के तौर पर भी देखा जा रहा है।   डोकलाम चीन के नियंत्रण वाला इलाका है जिस पर भूटान की तरफ से उनका हिस्सा होने का दावा किया जता है। भारत डोकलाम को अपना होने का दावा नहीं करता है बल्कि यह भूटान के करीबी मित्र होने के चलते उसके पक्ष से खड़ा होता है और यही बात लगातार चीन की आंखों में खटकती है।

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