मुंबई। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने शीर्ष तक की अपनी यात्रा को याद किया और खुलासा किया कि भारतीय खिलाड़ी के रूप में उन्होंने ट्रेन में अनारक्षित सीट पर भी यात्रा की। मिताली ने यहां ‘वी द वुमेन’ पहल के एक सत्र के दौरान कहा, मेरी यात्रा के दौरान मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा। अब हम बीसीसीआई के अंतर्गत हैं लेकिन उस समय (जब महिला खिलाड़ी बीसीसीआई के अंतर्गत नहीं थी) हमें खिलाड़ी के रूप में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिलती थी। भारतीय क्रिकेटर के रूप में मैंने हैदराबाद से दिल्ली की यात्रा रेल से अनारक्षित सीट पर की। पुरुषों के साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। जोधपुर में जन्मीं मिताली ने कहा, यही राहुल द्रविड़ ने कहा। भारतीय खिलाड़ी के रूप में उन्होंने कभी रेल से यात्रा नहीं की। लेकिन मैंने की। लेकिन इन मुश्किलों ने हमें मजबूत बनाया। महिला के रूप में हमें शुरुआती चरण में इतनी अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इसके बाद जब हम परिपक्व हुए और चुनौतियों को स्वीकार किया, इसलिए हम मानसिक रूप से मजबूत हुए। मिताली ने याद किया कि किस तरह उनके दादा-दादी उनके खेल से जुडऩे में सहज नहीं थे।
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