बार-बार उठने वाले इन दर्द को पहचाने

डॉ . नौशीन अली (ब्यूरो चीफ ) आई सी एन (मध्य प्रदेश)

आज कल इंसान की व्यस्तता और तनाव के कारण हर एक किसी न किसी प्रकार का  दर्द होता है, कही सिर, कही कमर, या कही और दर्द होना एक अच्छी बात है, अगर आपको दर्द नहीं होगा, तो आपको बीमारी के बारे में पता नहीं चलेगा, सिर दर्द होना आज कल आम बात है, शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने कभी सिर दर्द का अनुभव न किया हो,

सिर दर्द

सिर दर्द होना एक आम बात हो गयी है, और ज़्यादातर मोके पर सिर दर्द एक आम बात होती है, और दर्द निवारक दवा लेने से ठीक हो जाती है,

सिर दर्द

कभी-कभी ये दर्द अधूरी नींद, भूख के कारण, तनाव, दांत में दर्द,  आँखों की समस्या या वातावरण में बदलाव के कारण भी होता है,

सिर दर्द कभी-कभी एक अन्य बीमारी को और इशारा भी करता है,

माइग्रेन-सिर के किसी एक हिस्से में बेहद ज़्यादा दर्द हो, या ये कुछ घंटो से लेकर कुछ दिनों तक भी रह सकता है, माइग्रेन में सिर दर्द के अलावा, जी मचलाना, उलटी होना, धुंधला दिखाई देना,

आवाज़ या रौशनी से या कोई और शोर से दर्द और बढ़ना,

तनाव सिरदर्द- (या जिसे टेंशन हेडेक भी कहते है ) अत्याधिक तनाव और चिंता के कारण दोनों कनपटियों में दर्द होता है, थोड़ा-थोड़ा  सिर दर्द लम्बे समय तक होता है, भारतीय कामकाजी महिलाओ में ये दर्द सामान्य तोर पर होता है, जो कभी- कभी आराम करने से ठीक हो जाता है,

सायनस सिर दर्द- हमारे चेहरे में माथा, नाक और गाल के पास के बीच के कुछ हिस्सों में कुछ जगह खाली होती है, जिसे सायनस कहते है, ठंडा पानी पीने या ठण्ड के मौसम में इसमें कफ जम जाता है, कफ में संक्रमण होने पर साइनोसाइटिस हो जाता है,

इसमें आँखों में, सिर के अगले हिस्से में, या नाक के आस पास, गालो के हिस्सों में दर्द होता है, सूजन, बुखार, जैसे लक्षण नज़र आते है,  नीचे की और देखने पर ये दर्द बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है,

                सिर दर्द में एहतियात बरतने के लिए,

  • तनाव रहित जीवन जीना चहिये,
  • भूखे पेट न रहे,
  • दिन में कम से कम 7 से 8 गिलास पानी पीना चाहिए,
  • समय पर सोने और उठने की आदत डाले,
  • यदि बार-बार सिर दर्द होता है, एक कारण ये भी हो सकता है, कही आपका चश्मा तो नहीं आ रहा,
  • इसलिए नेत्र रोग विशेषज्ञ से जाँच कराये,
  • ज़्यादा देर तक कम्प्यूटर पर काम न करे,
  • नशा न करे, गुटका, सिगरेट, तम्बाकू से दूर रहे,
  • सकरात्मक सोच रखे,
  • और यदि बार-बार सिर दर्द होता है, तो किसी पेन किल्लर को न ले,
  • बल्कि किसी डाक्टर से जांचे करा ले, ये किसी बीमारी का प्रथम संकेत भी हो सकता है,

पेट दर्द

पेट में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। कई बार कब्ज के कारण,  गैसेस के कारण, बदहज़मी, भी एक वजह हो सकती है कई बार कोई गंभीर बीमारी से तो कभी आंतों में विकार के कारण ऐसे ही कुछ अन्य क्षणिक विकार पेट दर्द का कारण बनते हैं। हालांकि हल्का –फुल्का पेट दर्द गुनगुना पानी पीकर ठीक किया जा सकता है लेकिन बार-बार पेट दर्द होने पर कोई बड़ी बीमारी भी हो सकती है। ऐसे में आपको कभी खुद से घरेलू उपचार नहीं करना चाहिए बल्कि तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। आइए पेट दर्द के कारणों को।

पैट दर्द

  • पेट में ऊपर की तरफ दर्द सामान्यतः गैस्ट्राइटिस, लीवर में खराबी, आमाशय में छेद होने होने के कारण होता है। पित्त की थैली में पथरी होने पर आमतौर पर पेट के दाएं तरफ दर्द होता है।
  • पेट के बीचोबीच दर्द का कारण अकसर पैन्क्रियाज की खराबी होता है। पेट के निचले भाग में दर्द एपेन्डिसाइटिस, मूत्राशय में पथरी या संक्रमण के कारण होता है, लेकिन महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे गर्भाशय में किसी तरह की खराबी, फाइब्रायड, एंड्रीयोमेट्रीयोसिस, माहवारी या कोई अन्य बीमारी ।
  • पेट के एक तरफ दर्द का कारण गुर्दे में पथरी या गुर्दे की अन्य कोई बीमारी हो सकती है। एसीडिटी या अल्सर की शिकायत होने पर पेट के बीचोबीच अधिक दर्द होता है।

यदि आंतों में सूजन होती है तो लगभग पूरे पेट में ही दर्द होता है। इन बीमारियों या दर्द के चलते यदि पेट दर्द का इलाज सही समय पर न करवाया जाए तो यही बीमारियां स्वास्थ्य के लिए बड़ी समस्या बन सकती हैं।

  • पेट दर्द के लिए अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, एक्सरे, सीटी स्कैन और रक्त की जांच कराई जाती हैं जिससे सही समय पर सही इलाज दिया जा सकें।
  • जरूरी नहीं कि दर्द इन्हीं बीमारियों के कारण ही हो कई बार ओवरईटिंग करने, गलत खान-पान या कब्ज होने के कारण भी हो सकता है।बच्चो में प्रायः पेट दर्द पेट में कीडे होने पर होता है।

कमर दर्द ( Back Pain )

  • दिन भर इतना सारा काम करने और उसके बाद अच्छा आराम ना मिल पाने से कमर दर्द का होना एक सामान्य बात है किन्तु अगर ये दर्द 2 – 4 दिन में ना ठीक होकर लम्बे समय में चला जाता है तो ये आपके लिए चिंता का विषय अवश्य हो सकता है. इसकी वजह से आपको उठने बैठने और चलने फिरने तक में समस्या होने लगती है. मुख्यतः कमर दर्द महिलाओं और उन पुरुषों को होता है जो सारा दिन बैठे बैठे कार्य करते रहते है. ये दिखने में छोटी बीमार जरुर है किन्तु इसे अनदेखा करने से ये बड़ा घटक रूप अपना लेती है इसलिए आपको इसके लक्षण दीखते ही इसका इलाज कर लेना चाहियें. किन्तु इसके इलाज से पहले हम ये जान लेते है कि कमर दर्द आखिर होता क्यों है और इसके लक्षण क्या है.

कमर दर्द

  • जो व्यक्ति अधिक चिंता, मानसिक दबाव और थकावट महसूस करते है उससे उनकी कमर की मांसपेशियों में खिचावट / तनाव आ जाता है, जो उनकी कमर दर्द का मुख्य कारण होता है.
  • कमर पर अधिक बोझ लादकर चलने से या कंधो पर अदिक दबाव डालने से भी कमर दर्द में समस्या उत्पन्न होती है.

जोड़ों का घिस जाना, अधिक मोटापा और रीढ़ की हड्डी का खिसक जाना भी कमर दर्द का कारण है. शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ कमजोर होती है. जो कमर दर्द का कारण बनती है. लेटकर टीवी देखना और ऊँची एडी के जुटे पहनने वाले लोगो को भी कमर दर्द की शिकायत रहती है.

गर्भावस्था के दौरान लगभग 50% महिलाओं को पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है।

  • कमर के पिछले हिस्से में दर्द की शुरुआत होने लगती है |
  • अगर आप एक्सरे करवाते है तो उसमे आपके रीढ़ की हड्डी के बीच में जॉइंट स्पेस कम होना जो अधिक बैठे रहने के कारण हो जाते है |
  • बहुत से व्यक्तियों को कमर के बल गिर जाने, या चोट लग जाने के कारण या किसी दुर्घटना का शिकार होने के कारण भी ऐसा होता है, अगर दर्द असहनीय हो, तो डाक्टर से चेक-अप करा लेना चाहिए,
  • ऐसे में किसी हड्डी में गहरी चोट हो सकती है,
  • अगर आपको चोट लगने की कारण दर्द हो रहा हो तो बर्फ से सिकाई करे,
  • अगर पुराना दर्द हो तो गर्म की सिकाई करे, इससे ब्लड फ्लो बढ़ता है, इससे रुके हुए खून को गति देने के लिए 48 घंटो के बाद उपयोग में लाना चाहिए,

बैठने और चलने-फिरने का तरीका सुधारे

बैठने और चलने-फिरने का तरीका सुधारे- ज़्यादातर व्यक्तियों को इसी वजह से दर्द होता है, की उनके चलने फिरने का तरीका गलत होता है, अगर आप अपने शरीर की रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर नहीं पाएंगे,

गलत और सही

तो दर्द को रोक नहीं पाएंगे, अगर आप सही पोश्चर में नहीं बैठेंगे, तो रीढ़ को नुकसान होगा, ब्लड सर्क्युलेशन में परेशानी होगी,क्युकी रीढ़ की हड्डी के द्वारा हमारे शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से ब्रेन में बाल्ड सप्लाई होती है, सही तरीके से न बैठने से ब्लड सप्लाई धीमा हो जायेगा, आलस्य आ जाएगी,  शरीर के अंग थकन से भर जायेंगे, नींद आने जैसा लगेगा, दर्द को ठीक करने के लिए होमियोपैथिक दवा बहुत कारगर होती है,

इसमें लक्षणों के आधार पर काम किया जाता है,

अर्निका, रुटा, ह्यपेरिकम, बेलाडोना, जेल्सेमियम, रस्टोक्स आदि दवाये किसी होमियोपैथी विशेषज्ञ की देखरेख में ही ले

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