संसद का शीत सत्र 15 दिसंबर से

नई दिल्ली। आखिरकार संसद के शीत सत्र के लिए तारीखों की घोषणा शुक्रवार को कर दी गयी। इस बार का शीत सत्र 15 दिसंबर से शुरू होकर 5 जनवरी तक चलेगा। बीच में 25 व 26 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टियां होंगी। संसद के शीत सत्र की तारीखों के एलान के साथ ही कांग्रेस की ओर से विभिन्न मुद्दों के जरिए केंद्र सरकार पर हमले की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। इस क्रम में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड्गे ने कहा, ‘जीएसटी, नोटबंदी, जम्मू कश्मीर, आतंकवाद, हाफिज सईद का पाक अदालत से आजाद होने समेत कई मुद्दों को उठाने पर फैसला लेंगे। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने क्रिसमस की छुट्टियों के लिए दो दिनों को हटाते हुए बताया, ‘इस बार का शीत सत्र 14 दिनों का होगा।’ इससे पहले संसद के शीत सत्र में हो रही देरी को लेकर भाजपा सरकार आलोचनाओं के केंद्र में रही। बता दें कि संसद का शीत सत्र नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होता है और दिसंबर के तीसरे हफ्ते में खत्म होता है, लेकिन सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार इस सत्र को छोटा रखना चाहती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुनाव की तारीखों को ध्यान में रखते हुए शीत सत्र के लिए तारीख निर्धारित करने का आश्वासन दिया था। संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष द्वारा मोदी सरकार की काफी आलोचना की जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि मोदी सरकार में संसद का सामना करने की हिम्मत नहीं है। जानबूझ कर शीत सत्र में देरी की जा रही है। गुजरात में 9 व 14 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव का आयोजन होगा। वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी।

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