नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि आधार, नोटबंदी और जीएसटी तीन प्रमुख संरचनात्मक सुधार हैं जिन्होंने पारदर्शिता को बढ़ाया है और देश को कैश से कैशलैस इकोनॉमी की तरफ बढऩे में मदद की है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में वल्र्ड बैंक की ओर से भारत की रैंकिंग में किए गए सुधार समेत अन्य विषयों को रेखांकित करते हुए जेटली ने यह बाद निवेशकों को संबोधित करते हुए कही। निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मौजूदा सरकार की ओर से हालिया सालों में तीन प्रमुख संरचनात्म सुधार किए गए हैं। आधार, नोटबंदी और जीएसटी के कारण सरकार में पारदर्शिता और दक्षता आई है और अर्थव्यवस्था को नकदी से कम नकदी वाली बनाने में मदद मिली है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को और मजबूती देने के लिए मौजूदा सरकार ने एक के बाद अनेक आर्थिक सुधारों को लागू किया है, जिसमें 1 जुलाई 2017 से जीएसटी का कार्यान्वयन है जो कि एक अहम टैक्स सुधार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिवाला और ऋणशोधन संहित को लागू किया है और बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने की योजना लेकर आई है। उन्होंने आगे कहा कि बैंकों में अतिरिक्त पैसा डाले जाने से जहां बैलेंस शीट की दिक्कत दूर होगी वहीं निजी निवेश भी बहाल होगा। जेटली ने कहा कि मौजूदा सरकार की ओर से बीते तीन सालों में कई पहल की गईं हैं, जिस वजह से भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में 142 पायदान (साल 2014) से 100वें पायदान (अक्टूबर 2017) पर आ चुका है। गौरतलब है कि जेटली सिंगापुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं।