दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में से एक इटली के गोलकीपर बुफोन जियांलुइगी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल का अलविदा कह दिया।
मैं इतालवी फुटबॉल प्रेमियों से माफी चाहता हूं। मुझे इस तरह से विदा लेने का दुख है। इन्हीं शब्दों के साथ और आंखों से बहते आंसुओं के बीच दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में से एक इटली के गोलकीपर बुफोन जियांलुइगी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल का अलविदा कह दिया। अपनी टीम के विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के साथ ही बुफोन ने संन्यास की घोषणा कर दी। किसी को भी उनकी ऐसी विदाई की उम्मीद नहीं थी। इस हार के बाद बुफोन के साथ साथ दो और साथियों ने भी संन्यास ले लिया। 39 वर्षीय बुफोन का यह अपने देश के लिए 175वां मैच था। स्वीडन के खिलाफ यह मुकाबला ड्रॉ रहा, जिससे उनके चमत्कारिक करियर का अंत निराशाजनक साबित हुआ। बुफोन ने कहा कि 60 साल में पहली बार विश्व कप के लिए क्वालीफाई न कर पाना राष्ट्रीय खेल के लिए दुखद दिन है। उन्होंने कहा कि सिर्फ मैं ही इससे दुखी नहीं हूं, बल्कि सभी इतालवी फुटबॉल प्रशंसक निराश हैं। यह भी संयोग ही है कि बुफोन ने इटली के लिए पदार्पण और अंतिम मैच विश्व कप प्लेआफ का ही खेला। 19 साल की उम्र में 1998 में पहला मैच खेलने वाले बुफोन की टीम ने तब विश्व कप प्लेआफ में रूस को हराकर क्वालीफाई किया था। पर इस बार कप्तान बुफोन की टीम स्वीडन से पार नहीं पार सकी। इसके साथ ही बुफोन का छह विश्व कप खेलने वाला पहला फुटबॉलर बनने का सपना भी अधूरा रह गया।