जीएसटी रेट में कमी के बाद अगले हफ्ते से सस्ते मिलने लगेंगे शैंपू, चॉकलेट, डिटर्जेंट

नई दिल्ली। शैंपू, चॉकलेट, न्यूट्रिशन ड्रिंक्स और कंडेंस्ड मिल्क के दाम अगले सप्ताह से 5-15 पर्सेंट तक घट जाएंगे। यह बात डाबर, अमूल और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कन्ज्यूमर जैसी बड़ी कंपनियों ने कही है। डाबर के चीफ एग्जिक्युटिव सुनील दुग्गल ने कहा, अपने शैंपू रेंज के दाम हम कम से कम 5 प्रतिशत घटाएंगे। हम एंट्री-लेवल पैक्स ज्यादा उतारेंगे और डिस्ट्रिब्यूशन बढ़ाकर कीमत को लेकर संवेदनशील रहने वाले कस्टमर्स के बीच कंजंप्शन को हवा देने की कोशिश करेंगे।
देश की सबसे बड़ी डेयरी फर्म अमूल ने कहा कि वह कंडेंस्ड मिल्क और चॉकलेट्स के दाम तत्काल 5-10 प्रतिशत घटाएगा। उसके एमडी आर एस सोढ़ी ने कहा, उम्मीद है कि इससे कंजंप्शन बढ़ेगा और इस कैटिगरी की ग्रोथ सुधरेगी। इसी तरह जीएसके ने कहा कि वह जीएसटी स्लैब्स में किए गए बदलाव के मुताबिक हॉर्लिक्स के विभिन्न पैक्स के दाम घटाएगी। जीएसके कन्ज्यूमर के एमडी मनोज कुमार ने कहा, इससे हमारे प्रॉडक्ट्स ज्यादा अफोर्डेबल हो जाएंगे। हम नेट बेनिफिट्स कन्ज्यूमर्स को देंगे।
शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल ने शैंपू, डिटर्जेंट्स, चॉकलेट्स, कंडेंस्ड मिल्क, न्यूट्रीशन ड्रिंक्स, कन्फेक्शनरी, डियोड्रेंट्स और कॉस्मेटिक्स पर टैक्स घटाकर 18 प्रतिशत करने का निर्णय किया था। इन पर पहले 24-28 प्रतिशत तक टैक्स लग रहा था। कई कंपनियों ने कहा कि डिस्ट्रिब्यूटर और रीटेल चैनलों में मौजूदा स्टॉक्स के बिक जाने पर कीमतें घटाई जाएंगी। किटकैट चॉकलेट, मिल्कमेड कंडेंस्ड मिल्क और पोलो कन्फेक्शनरी बनाने वाली पैकेज्ड फूड्स फर्म नेस्ले के एक प्रवक्ता ने कहा, जीएसटी से जुड़ी कमी के फायदे कन्ज्यूमर्स को देने की अपनी नीति के तहत नेस्ले इंडिया हाल में की गई कमी की घोषणा के अनुसार कदम उठाएगी। मार्केट में नए प्राइस स्टॉक्स के आने में कुछ वक्त लगेगा।
आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स बनाने वाले पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा, जिन कैटिगरीज में जीएसटी रेट्स घटाए गए हैं, उनमें हमारे उत्पादों के दाम भी कम किए जाएंगे। हमने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि नए प्राइस वाले उत्पाद कन्ज्यूमर्स तक पहुंचाने से पहले कई चैनल्स और प्रोसेसेज को अंजाम देना होगा। हिंदुस्तान यूनीलिवर और परफेट्टी वान मेले ने कहा कि वो यह तय कर रहे हैं कि उत्पादों के दाम में कितनी कमी आएगी। डव साबुन और रिन डिटर्जेंट बनाने वाली एचयूएल ने जुलाई-सितंबर क्वॉर्टर में प्राइसेज करीब 4 प्रतिशत घटाए थे। उसने कहा कि हर कैटिगरी पर पडऩे वाले असर के बजाय नेट लेवल पर कॉस्ट बेनिफिट्स को देखते हुए कीमत घटाई गई थी। पिछले महीने एचयूएल ने कहा था कि अगर डिटर्जेंट पाउडर को 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत वाले स्लैब में लाया जाता है तो कंपनी उसमें में भी तत्काल प्राइस कट करेगी।
देश का सबसे बड़ा डिटर्जेंट ब्रैंड घड़ी बेचने वाली आरएसपीएल के प्रेजिडेंट सुशील कुमार बाजपेयी ने कहा, हम नए प्रॉडक्ट्स का वजन बढ़ा देंगे, जिससे करीब 10 प्रतिशत प्राइस कट का असर सामने आएगा। मार्केट में जो स्टॉक पहले से है, उस पर हम बेनिफिट देने के लिए किसी तरह का प्रमोशन ऑफर कर सकते हैं।

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