दिल्ली । सोमवार से दिल्ली में ऑड-ईवन तीन शुरू होगा लेकिन इस बार ये बाकी दो अभियानों से अलग होगा. दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर से 17 नवंबर तक आर्ड-ईवन अभियान शुरू करने फैसला लिया था लेकिन एनजीटी ने शनिवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले में कई बदलाव किए हैं.
एनजीटी ने दिल्ली और केंद्र सरकार को आदेश देते हुए उस बड़े शहर का नाम बताने को कहा है, जहां पीएम 10 का लेवल 100 से कम है। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली सरकार उसके सब्र का इम्तिहान न ले और आंकड़ों में कब यह माना गया कि बारिश के कारण प्रदूषण के स्तर में कमी आती है। सख्त रुख अपनाते हुए जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने कहा कि आपने एनजीटी के आदेश से पहले एक्शन क्यों नहीं लिया? वहीं सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि अगले दो दिनों में बारिश पड़ सकती है। एनजीटी ने कहा, ”यह चिंताजनक की बात है कि सरकार के विभिन्न विभागों के लिए कोई तालमेल ही नहीं है।
पांच दिनों के इस ऑड-ईवन में किसी भी सरकारी अधिकारी, टू व्हीलर और महिलाओं को छूट नहीं मिलेगी. वहीं इमरजेंसी वाहनों जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को छूट दी गई है. एनजीटी ने दिल्ली सरकार को कहा कि अगर आप ऑड-ईवन लागू करते हैं तो हमारे निर्देश के अनुसार करें. ऑड-ईवन करना है या नहीं ये हम आप छोड़ते हैं. लेकिन अगर ऑड-ईवन लागू होगा तो हमारे निर्देशों के अनुसार ही होगा. एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी मौसम विभाग के साथ मीटिंग करें जब भी हालात ख़राब हों ।
- दिल्ली आने वाले सभी रास्तों के बार्डर पर जाम न लगें. इसके लिए सभी प्राइवेट यातायात सर्विस देने वाले के साथ सरकार कोर्डिनेट कर सीएनजी बसें चलाए.
- डीटीसी ऑड-ईवन के दौरान सिर्फ सीएनजी बसों का प्रयोग करें.
- आने वाले हफ्ते में पानी का छिड़काव किया जाए.पानी के छिड़काव के लिए कोई पैसे न होने का बहाना नहीं माना जाएगा.
- जब भी पीएम 10 का स्तर 500 और पीएम 2.5 का स्तर 300 के ऊपर होगा तब दिल्ली सरकार ऑड-ईवन करने को बाध्य होगा.
- एक कमेटी बनाई जाती है (कमिश्नर ट्रांसपोर्ट की अध्यक्षता में जिसमें सीपीसीबी, डीपीसीसी और दिल्ली सरकार के अधिकारियों भी हैं), जो 10 दिनों के लिए CO2, ozone, so2, गैसों को मॉनिटर करेंगी.
- आदेश के बावजूद जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहा है. अक्षरधाम पर एनएचएआई निर्माण कार्य कर रहा है. किदवई नगर में एम्स के सामने एनबीसीसी का काम चल रहा. एनएचएआई और एनबीसीसी को शो कॉस नोटिस जारी क्यों न आपको कोर्ट का आदेश न मानने के लिए जेल भेज दे.
- दिल्ली के 300 किलोमीटर के आसपास चल रहे 13 थर्मल प्लांट सल्फेट गैस छोड़ रहे हैं, ये पीएम10 और 2.5 का स्तर बढ़ा रहे हैं. इन्हें अपग्रेड किया जाए. हम कमेटी को निर्देश देते हैं कि इस पर हमें रिपोर्ट दें.
- दिल्ली और पड़ोसी राज्य देखें कि अगली सुनवाई तक कोई भी निर्माण कार्य न हो. अगली तारीख को दिल्ली सरकार और पड़ोसी राज्य रिपोर्ट दें कि कूड़ा और पराली न जलाई जाए.
- किसी भी लैंडफिल साइट में आग न लगाई जाए अगर ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ़ कार्यवाही होगी.
- दिल्ली सरकार पार्किंग चार्ज बढ़ाने के अपने आदेश पर पुनर्विचार करे. इससे पर्यावरण को क्या फायदा हो रहा इससे आम आदमी पर बोझ पड़ रहा हैकार्पोरेशन , दिल्ली सरकार और पुलिस के बीच अच्छा तालमेल हो..