ब्रुसेल्स (बेल्जियम) । कश्मीर मसले के हल के लिए भारत सरकार द्वारा एक वार्ताकार नियुक्त करने के हालिया फैसले का अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने स्वागत किया है। यूरोपीय संसद (ईपी) के एक सदस्य ने इसे क्षेत्र में शांति स्थापित करने के मकसद से कश्मीरियों से जुडऩे का एक और कदम बताया। ईपी के लिए लिखे एक आर्टिकल में पेट्रस ऑस्ट्रेविसियस ने एक तरफ जहां इस फैसले के लिए भारत सरकार की सराहना की तो वहीं पाकिस्तान को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जैसा कि उम्मीद थी, पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में मौजूद उसके कथित सहयोगियों ने नवनियुक्त वार्ताकार से किसी भी तरह की बातचीत करने से इंकार कर दिया है। इससे उनके मकसद और इरादे साफ झलकते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। पेट्रस ने यह भी कहा कि पाकिस्तान लगातार कश्मीर घाटी में हिंसा और अशांति को बढ़ावा दे रहा है और ऐसे में भारत इस जटिल चुनौती से जिस तरह से निपटा है, उसकी यूरोपीय संघ (ईयू) ने सराहना की है। भारत ने कश्मीरियों से जुड़े रहते हुए निर्दोषों को निशाने बनाने वाले आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। पेट्रस ने जोर देते हुए कहा कि ईयू को विदेश व सुरक्षा मामले के क्षेत्रों में भारत के साथ अपना सहयोग बढ़ाना चाहिए और कश्मीर में शांति स्थापित करने के प्रयासों में उसका समर्थन करना चाहिए।
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