बैक खातों को आधार से प्रमाणित करने की प्रक्रिया तेज करेगी सरकार

नई दिल्ली । 75 करोड़ बैंक खाते आधार से लिंक हो चुके हैं। इनके अलावा 48 करोड़ खातों को आधार कार्ड और बैंक खाते में दर्ज जानकारी का मिलान पर प्रमाणित किया जा चुका है। इसमें खाताधारक का नाम, जन्म की तारीख, लिंग और पते को आधार नंबर और बायोमीट्रिक डेटा के साथ मैच किया जाता है। सरकार बचे हुए बैंक खातों को आधार के साथ लिंक करने की प्रक्रिया तेज करना चाहती है ताकि गरीब तबके को फायदे पहुंचाने का फ्रेमवर्क तैयार किया जा सके। इसके साथ केंद्र ने ऐसे खातों की संख्या 100 करोड़ तक पहुंचाने का भी लक्ष्य रखा है।
इन खातों का इस्तेमाल सरकार व्यापक सामाजिक सुरक्षा या यूनिवर्सल बेसिक स्कीम (यूबीआई) पेमेंट के लिए कर सकती है। इस मामले में सरकार की पहल से वाकिफ एक सरकारी अधिकारी ने बताया, अगर यूनिवर्सल बेसिक स्कीम को लागू करने का फैसला होता है तो ये बैंक खाते उसकी रीढ़ बन सकते हैं। सरकार ने इसी साल बैंक खातों से आधार को लिंक करना अनिवार्य बनाया था। उसने कहा है कि जो खाते आधार से नहीं लिंक होंगे, उन्हें फ्रीज कर दिया जाएगा। रिजर्व बैंक ने भी पिछले हफ्ते यही बात कही।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (मेंटेनेंस ऑफ रिकॉर्ड्स) के तहत मान्य मामलों में आधार नंबर को बैंक अकाउंट के साथ लिंक करना अनिवार्य है। रिजर्व बैंक का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सुप्रीम कोर्ट सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं की सुनवाई करने जा रहा है।
सर्वे 2016-17 में गरीबी खत्म करने के लिए यूनिवर्सल बेसिक स्कीम का जिक्र किया गया था। एक हालिया स्टडी में इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) ने अनुमान लगाया था कि अगर भारत फूड और एनर्जी सब्सिडी खत्म करता है तो वह हर नागरिक को साल में 2,600 रुपये की यूनिवर्सल बेसिक स्कीम दे सकता है। केंद्र ने 1 अरब बैंक खातों को आधार से लिंक करने का लक्ष्य रखा था। वह इसका 75 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर चुका है। ऊपर जिस अधिकारी का जिक्र किया गया है, उन्होंने बताया, बैंक खाता और आधार नंबर एक ही शख्स का है या नहीं, इसका अगला फेज था। 48 करोड़ बैंक खातों के लिए यह काम हो चुका है।
सरकार ने 2014 में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) नाम से तीन सोशल सिक्यॉरिटी प्रोग्राम एक साथ शुरू किए थे। इसका मकसद फाइनैंशल इनक्लूजन से बाहर के लोगों को इसके दायरे में लाना था। इस पहल को जनधन से जन सुरक्षा का नाम दिया गया था।

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