दिल्ली-एनसीआर की 5 जगहों की हवा है सबसे जहरीली

नई दिल्ली। प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली-एनसीआर में 5 सबसे खतरनाक जगहों की पहचान की गई है। दि इन्वाइरनमेंट पलूशन(प्रिवेंशन ऐंड कंट्रोल) अथॉरिटी(ईपीसीए) ने मंगलवार को ऐसी 5 जगहों की पहचान की, जहां बाकियों के मुकाबले प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है। इन 5 जगहों में दिल्ली के आनंद विहार, राजस्थान के भिवाड़ी, उत्तर प्रेदश के साहिबाबाद व नोएडा सेक्टर-125 और हरियाणा के फरीदाबाद शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि इन जगहों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लॉन्ग टर्म प्लान तैयार करें। कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर इन योजनाओं की रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
ईपीसीए की स्टडी में पाया गया कि मौसम में सुधार आने के बावजूद इन पांच जगहों की हवा की च्ॉलिटी बेहद खराब है। एनसीआर का एयर च्ॉलिटी इंडेक्स 300 के आसपास है, जो बेहद खराब कैटिगरी में आता है। अथॉरिटी के मुताबिक, इन पांचों जगहों पर एयर च्ॉलिटी इंडेक्स नियमित तौर पर 400 को पार कर जाता है, जो गंभीर कैटिगरी में आता है। एयर च्ॉलिटी गंभीर होने का मतलब है, स्वस्थ लोगों पर बुरा असर और पहले से बीमार लोगों पर गंभीर असर। मंगलवार को इन 5 जगहों का एयर च्ॉलिटी इंडेक्स 370 से 450 के बीच आंका गया।
भूरे लाल की अगुवाई वाले ईपीसीए ने राज्यों से पूछा कि जब प्रदूषण का स्तर भयानक तरीके से बढ़ रहा है तो पहले ही इस पर कंट्रोल के कदम क्यों नहीं उठाए गए। अथॉरिटी ने राज्यों को जल्द से जल्द ऐक्शन प्लान तैयार करने के लिए कहा। भूरे लाल ने कहा, इस समस्या के लिए दूरगामी समाधानों की जरूरत है। कचरा कहीं भी डाला जा रहा है और कहीं भी जलाया जा रहा है, इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। इंडस्ट्रीज का काला धुंआ हवा में घुल रहा है, कंस्ट्रक्शन का सामान खुले में पड़ा रहता है।
बीते एक सप्ताह से आनंद विहार का एयर च्ॉलिटी इंडेक्स 470 के आसपास बना हुआ है। वहीं, फरीदाबाद और भिवंडी में मंगलवार शाम 8 बजे 376 और 372 के स्तर पर रहा। मंगलवार को नोएडा और साहिबाबाद का एयर च्ॉलिटी इंडेक्स क्रमश: 440 और 433 रहा।
हाल में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने को लेकर मंगलवार को एनजीटी ने दिल्ली सरकार और ईडीएमसी को फटकार लगाई। एनजीटी ने कहा कि इस पर कोई ऐक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा। ट्राइब्यूनल ने निगम और आप सरकार को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर लोगों की जिंदगी को ताक पर रखने को लेकर फटकार लगाई।
आनंद विहार क्यों है सबसे ज्यादा प्रदूषित
ईपीसीए चेयरपर्सन भूरे लाल मंगलवार सुबह खतरनारक एयर च्ॉलिटी इंडेक्स वाली जगहों पर पहुंचे और जानने कि कोशिश की कि वहां प्रदूषण इतना ज्यादा क्यों है। दिल्ली के आनंद विहार बस टर्मिनल पर बसों की भीड़, खराब सड़क, खुले में पड़ा कचरा और कंस्ट्रक्शन का सामन और फैक्ट्रियों का धंआ, यहां प्रदूषण के ऊंचे स्तर के लिए जिम्मेदार हैं। आनंद विहार टर्मिनल पर रोजाना तकरीबन 1800 बसें आती-जाती हैं, इनमें से आधी यूपी रोडवेज की होती हैं। ट्रैफिक को आसान बनाने के लिए भूरे लाल ने टर्मिनल के बाहर एक पुलिस अधिकारी तैनात करने के लिए कहा, वहीं यूपी से कहा कि उत्तर प्रदेश की बसों के लिए आनंद विहार बस टर्मिनल की दूसरी तरफ वाला टर्मिनल इस्तेमाल किया जाए।

Share and Enjoy !

Shares

Related posts