चावल की सरकारी खरीद हुई बेहतर, मंडियों में तेज हुई धान की आवक

नई दिल्ली। एक अक्टूबर से शुरू हुई चावल की सरकारी खरीद अभी तक थोड़ी बेहतर रही है। मौजूदा विपणन वर्ष 2017-18 में अब तक 69.89 लाख टन चावल की खरीद हुई है जबकि पिछले साल समान अवधि में 69.31 लाख टन की खरीद हुई थी। यह जानकारी खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। सरकारी अनाज की खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) ने बीते विपणन वर्ष 2016-17 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 381 लाख टन चावल की खरीद की थी। मौजूदा वर्ष के लिए सरकार ने 375 लाख टन चावल खरीद का लक्ष्य रखा है। अधिकारी ने बताया कि मंडियों में धान की आवक तेज होने लगी है। पिछले सप्ताह तक हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में 111 लाख टन धान की आवक हुई। एफसीआइ और दूसरी सरकारी एजेंसियां धान खरीदती हैं। लेकिन उसकी गणना मिलिंग के बाद प्राप्त चावल की मात्र में करती हैं। सरकारी एजेंसियों द्वारा पंजाब में अब तक 41.33 लाख टन और हरियाणा में 28.56 लाख टन चावल की खरीद की गई है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आवक अभी शुरू हुई है। इसमें अगले कुछ दिनों में तेजी आने की संभावना है। 1सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर हो रही है। कॉमन ग्रेड के धान का एमएसपी 1550 रुपये और ए ग्रेड का मूल्य 1590 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। मौजूदा खरीफ सीजन में देश में 944.8 लाख टन चावल का उत्पादन होने की संभावना है। पिछले साल देश में 963.9 लाख टन चावल का उत्पादन हुआ था। थोड़ी मात्र में धान की खेती रबी सीजन में भी होती है।
खरीफ फसलें अच्छी स्थिति में:कृषि सचिव शोभना के. पटनायक ने कहा है कि देश में खरीफ की फसलें अच्छी स्थिति में हैं। ये फसलें कटाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन के पहले अग्रिम अनुमान में भारी बारिश के कारण एक-दो क्षेत्रों में फसलों को कुछ नुकसान होने की बात कही गई थी। खाद्यान्न उत्पादन अनुमान में इसके असर को शामिल कर लिया गया था। पहले अनुमान के अनुसार देश में खरीफ का उत्पादन थोड़ा घटकर 13.47 करोड़ टन रहेगा। जबकि पिछले साल 13.85 करोड़ टन उत्पादन रहा था।

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